शनिवार, 19 मार्च 2011

होली की शुभकानाएं...

[राग-रंग सन्देश]

रंगों की ऐसी धार चले, मधुर-मधुर रस-धार चले !
प्रीत की पिचकार चले, स्नेह-सुधा का वार चले !!
मन की परती का कण-कण भीगे, ऐसी एक बयार चले !
अंतर में उपजे मधुर रागिनी, राग ताल मल्हार चले !!


होली की शुभकामनाएं !!
--आनंद वर्धन ओझा.

7 टिप्‍पणियां:

इस्मत ज़ैदी ने कहा…

aap ko bhee bahut bahut mubarak ho

kshama ने कहा…

Aapko bhee holee bahut,bahut mubarak ho!

कविता रावत ने कहा…

आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

आपको भी इस रंग-पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं. आशीर्वाद की आकांक्षी हूं.

ज्योति सिंह ने कहा…

आपको होली पर्व पर ढेरो शुभकामनाये और सादर प्रणाम

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

आनंद जी किधर हैं ....?
बहुत दिनों से कोई खबर नहीं आपकी ....
स्वस्थ तो हैं ....?

आपसे एक गुजारिश थी ....
अपनी १०,१२ क्षणिकाएं दीजिये मुझे सरस्वती-सुमन पत्रिका के लिए
जो कि क्षणिका विशेषांक निकल रही है और मुझे इसके अतिथि संपादिका होने का गर्व भी हासिल हुआ है
मुझे याद है आपकी वो तीन खूबसूरत क्षणिकाएं जो मैंने डायरी में नोट कर ली थीं ....:))
अपना संक्षिप्त परिचय और तस्वीर भी दीजिएगा ....

vijai Rajbali Mathur ने कहा…

आप सब को विजयदशमी पर्व शुभ एवं मंगलमय हो।