tag:blogger.com,1999:blog-5773464208897631664.post350873539562804753..comments2024-01-16T01:05:13.385-08:00Comments on मुक्ताकाश....: अप्रतिम अज्ञेयआनन्द वर्धन ओझाhttp://www.blogger.com/profile/03260601576303367885noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-5773464208897631664.post-21002106808681497572009-11-16T03:31:34.901-08:002009-11-16T03:31:34.901-08:00अरे वाह, अप्रतिम अज्ञेय के बहाने आज दो और रिश्तों ...अरे वाह, अप्रतिम अज्ञेय के बहाने आज दो और रिश्तों का खुलासा हो गया...तो "हम-ब्लौगर" वंदना जी के आप जीजाजी हुये{हमारे यहाँ "ओझाजी"}...गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773464208897631664.post-80194004180757543102009-11-02T11:01:24.875-08:002009-11-02T11:01:24.875-08:00ओम भाई,
दीप-उत्सव की अमित शुभकामनाएं !
वंदना दुबेज...ओम भाई,<br />दीप-उत्सव की अमित शुभकामनाएं !<br />वंदना दुबेजी,<br />यह प्रकरण तो स्थान पाता ही, अमूल्य-अविस्मरणीय यादें हैं वे--एक विशेष काल-खंड की !!<br />--आ.आनन्द वर्धन ओझाhttps://www.blogger.com/profile/03260601576303367885noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773464208897631664.post-47272868743941814392009-10-16T03:50:32.290-07:002009-10-16T03:50:32.290-07:00अरे वाह!! मुझे मालूम था ये "प्रकरण" भी स...अरे वाह!! मुझे मालूम था ये "प्रकरण" भी संस्मरण में स्थान पायेगा...बहुत खूब.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773464208897631664.post-19892657472531345422009-10-15T22:45:31.868-07:002009-10-15T22:45:31.868-07:00बढ़ा दो अपनी लौ
कि पकड़ लूँ उसे मैं अपनी लौ से,
इस...बढ़ा दो अपनी लौ<br />कि पकड़ लूँ उसे मैं अपनी लौ से,<br /><br />इससे पहले कि फकफका कर<br />बुझ जाए ये रिश्ता<br />आओ मिल के फ़िर से मना लें दिवाली !<br />दीपावली की हार्दिक शुभकामना के साथ <br />ओम आर्यओम आर्यhttps://www.blogger.com/profile/05608555899968867999noreply@blogger.com