tag:blogger.com,1999:blog-5773464208897631664.post5767666316407831321..comments2024-01-16T01:05:13.385-08:00Comments on मुक्ताकाश....: माया के मोहक वन की क्या कहूँ कहानी परदेसी...?आनन्द वर्धन ओझाhttp://www.blogger.com/profile/03260601576303367885noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5773464208897631664.post-47737345544561184982016-04-02T08:32:32.628-07:002016-04-02T08:32:32.628-07:00वन्दनाजी,
आपके आचार-विचार और उदार चरित से मैं वाकि...वन्दनाजी,<br />आपके आचार-विचार और उदार चरित से मैं वाकिफ़ हूँ ! चलती ट्रेन से सतना रेलवे स्टेशन पर मैंने देखा है आपको, जब एक भिखारन को आप गले लगा रही थीं। पटना पहुँचकर मैंने आपसे पूछा था, वह भिखारिन कौन थी? तो, आपसे ही ज्ञात हुआ था मुझे कि वह निरुपाय वृद्धा अपने पुत्रों द्वारा घर से निकाल दी गयी है; जो कभी सतना से प्रकाशित होनेवाले 'देशबन्धु' दैनिक के स्टॉफ को चाय बनाकर पिलाया करती थी ! बुरा वक़्त किसी पर भी, कभी भी आ सकता है; लेकिन इस बुरे वक़्त में आप-सी सहृदया सबको नहीं मिलतीं! मेरी छोटी बुआ-सी उदात्त और उदार भावना आपके मन में भी किसी रूप में बची हुई है, तो यह क्या कम है ? आभार!आनन्द वर्धन ओझाhttps://www.blogger.com/profile/03260601576303367885noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773464208897631664.post-6510054103461131132016-03-29T07:10:57.164-07:002016-03-29T07:10:57.164-07:00ऐसा कोई एक भी मिल जाये तो बड़ी बात... आज तो लोग अपन...ऐसा कोई एक भी मिल जाये तो बड़ी बात... आज तो लोग अपना टूटा पेन भी किसी को न ले जाने दें. ये अलग बात है, कि इस घटना से मुझे एक अन्य घटना आई, इसे बुआ जी के साथ तुलनात्मक रूप में न देखा जाये. वे बहुत निश्छल थीं, ऐसी निश्छलता हम सबमें नहीं. बात कुक्कू की शादी के समय की है. उस वक्त घर में जो सहायिका थी, उसे मैने भंदार घर से बर्फ़ियां निकाल के लाने को कहा. थोड़ी देर हो गयी तो खुद ही भंडार घर में पहुंच गयी. लेकिन वहां देखा कि एक बड़ी सी टंकी में से बर्फ़ियां निकालने के बाद वे कागज़ में थोड़ी सी बर्फ़ियां रख के अपने आंचल में बांध रहीं हैं. ये देख के मैं भी वहां से हट गयी थी, कि कहीं वे मुझे देख के लज्जित न हो जायें.. :)वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773464208897631664.post-82226528288368023592016-03-27T05:34:39.418-07:002016-03-27T05:34:39.418-07:00ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " एक अधूरी ब...ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2016/03/blog-post_27.html" rel="nofollow"> " एक अधूरी ब्लॉग-बुलेटिन " </a> , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !ब्लॉग बुलेटिनhttps://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.com