tag:blogger.com,1999:blog-5773464208897631664.post6830690294329857965..comments2024-01-16T01:05:13.385-08:00Comments on मुक्ताकाश....: अनंत यात्री नागार्जुनआनन्द वर्धन ओझाhttp://www.blogger.com/profile/03260601576303367885noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5773464208897631664.post-7577183608607087322009-08-28T12:18:21.956-07:002009-08-28T12:18:21.956-07:00किशोरजी,
सुधीश के अनुज राजेंद्र कुमार तो नहीं थे !...किशोरजी,<br />सुधीश के अनुज राजेंद्र कुमार तो नहीं थे ! दुखद यह है की तीन साल पहले जामिया मिलिया वि.वि., न. दिल्ली के अहाते से फ़ोन karne पर अशोक चक्रधर ने मुझे बताया था कि सुधीश के उदीयमान चित्रकार अनुज असमय ही दिवंगत हो गए थे. विधि का विधान समझ में नहीं आता !आनन्द वर्धन ओझाhttps://www.blogger.com/profile/03260601576303367885noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773464208897631664.post-54350047116655015392009-08-25T08:59:42.513-07:002009-08-25T08:59:42.513-07:00बेहतरीन संस्मरण है इसको पढ़ते हुए आपकी सादगी को भी...बेहतरीन संस्मरण है इसको पढ़ते हुए आपकी सादगी को भी परखने में लगी है मेरी बुद्धि.<br />जिन चित्रकार को आप याद कर रहे हैं वे शायद राजेंद्र कुमार तो नहीं? आपने जीवन को जाया नहीं किया है मैं सोचता हूँ कि आपका शतांश मुझे मिल जाये तो जीवन को सम्पूर्ण जानूं.के सी https://www.blogger.com/profile/03260599983924146461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773464208897631664.post-81032289710316677512009-08-12T10:50:21.600-07:002009-08-12T10:50:21.600-07:00वंदनाजी,
आभारी हूँ. तीसरी और अंतिम कड़ी भी पढें, फि...वंदनाजी,<br />आभारी हूँ. तीसरी और अंतिम कड़ी भी पढें, फिर लिखें ! ज्योतिजी कहाँ हैं ?<br />अर्कजेशजी, चंदनजी,<br />अब संस्मरण आपके सामने है, इसे पूरा पढने का श्रम करें और आलेख के 'टोटल इम्पैक्ट' पर अपनी राय देने की कृपा करें, आभारी होऊंगा. आ.आनन्द वर्धन ओझाhttps://www.blogger.com/profile/03260601576303367885noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773464208897631664.post-31654838638845266962009-08-12T09:48:06.469-07:002009-08-12T09:48:06.469-07:00यह चर्चा भी बहुत अच्छी लगी.....अगली किस्त का इन्तज...यह चर्चा भी बहुत अच्छी लगी.....अगली किस्त का इन्तजार रहेगा.बाबा नागार्जुन के बारे में जानने की वर्षो से इच्छा थी...अब पूरी हो रही है. आभार.Chandan Kumar Jhahttps://www.blogger.com/profile/11389708339225697162noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773464208897631664.post-6893410692663448152009-08-12T05:42:56.058-07:002009-08-12T05:42:56.058-07:00बहुत-बहुत धन्यवाद ! सन्स्मरणों का खास तौर से इन्तज...बहुत-बहुत धन्यवाद ! सन्स्मरणों का खास तौर से इन्तजार रहत है ।Arkjeshhttp://arkjesh.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773464208897631664.post-45762561171719622002009-08-12T03:31:29.775-07:002009-08-12T03:31:29.775-07:00जब मैं पहली बार बाबा से मिली थी,(निस्संदेह आपके आव...जब मैं पहली बार बाबा से मिली थी,(निस्संदेह आपके आवास पर) तो एक मिनट के लिये अचकचा गई थी. मुझे इस औघड-रूप की तो उम्मीद ही नहीं थी. सचमुच बनावट तो उन्हें छू भी नहीं पाई थी. बहुत सिलसिलेवार और रोचक तरीके से हम तक अपने संस्मरण पहुंचा रहे हैं आप. साधुवाद.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.com