tag:blogger.com,1999:blog-5773464208897631664.post7080110823312471045..comments2024-01-16T01:05:13.385-08:00Comments on मुक्ताकाश....: आनन्द वर्धन ओझाhttp://www.blogger.com/profile/03260601576303367885noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-5773464208897631664.post-13369093419405660302015-10-01T03:22:51.038-07:002015-10-01T03:22:51.038-07:00आपने जो महसूस लिया ..उसे शब्दों में भी बहुत अच्छे ...आपने जो महसूस लिया ..उसे शब्दों में भी बहुत अच्छे से व्यक्त कर पा रहे हैं ..पढ़ते हुये ऐसा लगता है मानो यह सब हमारी आँखों के सामने हुआ हो ... मृत्यु के बाद भी एक भरी -पूरी दुनिया है ..क्या है यह सब ? और क्यों है ! कभी ,कहीं कुछ खत्म भी होता है या नहीं !priyadarshinihttps://www.blogger.com/profile/09926652534587817667noreply@blogger.com