tag:blogger.com,1999:blog-5773464208897631664.post481729336192353067..comments2024-01-16T01:05:13.385-08:00Comments on मुक्ताकाश....: ताहि बिधि 'मस्त' रहिये....आनन्द वर्धन ओझाhttp://www.blogger.com/profile/03260601576303367885noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-5773464208897631664.post-17087604427537342682010-03-25T01:20:58.124-07:002010-03-25T01:20:58.124-07:00श्र्द्धेय
प्रणाम. बहुत सहज भाषा और प्रवाह्युक्त शै...श्र्द्धेय<br />प्रणाम. बहुत सहज भाषा और प्रवाह्युक्त शैली में लिखते हैं आप, लिहाजा संस्मरण का प्रत्येक पात्र जीवंत हो उठता है. आज ही दोनों भाग पढे.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773464208897631664.post-65031222296344678352010-03-24T19:36:10.768-07:002010-03-24T19:36:10.768-07:00राजेंद्र बाबू के बारे बहुत से प्रसंग पढ़े हैं. बहुत...राजेंद्र बाबू के बारे बहुत से प्रसंग पढ़े हैं. बहुत ही सहज और सरल व्यक्तित्व था उनका और सादगी पर इतना जोर देते थे जो कभी कभी एक्सट्रीम लगता था. उन लोगों में पद और संपत्ति अर्जित करने की चाह नहीं थी. सत्तर आते-आते सब कुछ बदल गया.निशांत मिश्र - Nishant Mishrahttps://www.blogger.com/profile/08126146331802512127noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773464208897631664.post-54943043451751356752010-03-24T19:24:46.365-07:002010-03-24T19:24:46.365-07:00आनंद भैया ,नमस्कार
बहुत मज़ा आया पढ़कर लेकिन आगे...आनंद भैया ,नमस्कार <br /><br />बहुत मज़ा आया पढ़कर लेकिन आगे पढ़ने की प्यास बढ़ गई ,इंतेज़ार कर रहे हैं अगले अंक काइस्मत ज़ैदीhttps://www.blogger.com/profile/09223313612717175832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773464208897631664.post-55568992364822018312010-03-24T19:11:52.590-07:002010-03-24T19:11:52.590-07:00अच्छा लगा यह संसमरण पढ़कर
शहीद भगत सिंह पर एक रपट...अच्छा लगा यह संसमरण पढ़कर <br />शहीद भगत सिंह पर एक रपट यहाँ भी देखें <br />http://sharadakokas.blogspot.comशरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.com