tag:blogger.com,1999:blog-5773464208897631664.post5969273953419184721..comments2024-01-16T01:05:13.385-08:00Comments on मुक्ताकाश....: यादों के आइने में कवि बच्चन...आनन्द वर्धन ओझाhttp://www.blogger.com/profile/03260601576303367885noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5773464208897631664.post-1618359658632532172012-12-17T19:53:57.922-08:002012-12-17T19:53:57.922-08:00आनंद भैया ,लगातार, हर क़िस्त पढ़ रही हूँ और एक क़ि...आनंद भैया ,लगातार, हर क़िस्त पढ़ रही हूँ और एक क़िस्त ख़त्म होने से पहले ही अगली क़िस्त का इन्तेज़ार शुरु हो जाता है<br />क्या लिखते हैं वाक़ई मज़ा आ जाता है सब कुछ जैसे जीवंत हो उठता है ,इतना सरल और सहज लेखन है आप का कि कहीं कोई कठिनाई महसूस नहीं होती न भाषाई और न किसी और प्रकार की इस्मत ज़ैदीhttps://www.blogger.com/profile/09223313612717175832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773464208897631664.post-9961038980513263412012-12-17T06:41:17.202-08:002012-12-17T06:41:17.202-08:00हृदयस्पर्शी वर्णन!हृदयस्पर्शी वर्णन!देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.com