मंगलवार, 18 दिसंबर 2018

व्याधियों की व्याध-कथा...

व्याधियाँ होती हैं
व्याध-सरीखी,
वे दुबककर रहती हैं
किसी शिकारी की तरह
मौके की प्रतीक्षा में
और अवसर पाते ही
कर देती हैं आक्रमण
किसी कटाहे कुत्ते की तरह...!

व्याधियों का व्याधा
कभी बहुत क्रूर और निर्मम-सा
आता है यम का दूत बनकर
और कभी हरकारे की तरह
अपने शिकार को निरीह बनाकर,
शेष जीवन जीने की
सूचना देकर चला जाता है।

बड़ा निर्मोही है
व्याधियों का व्याधा,
उसे सजीव को निर्जीव बनाने की
कला आती है,
वह बूँद-बूँद प्राण-तत्व निचोड़कर,
शिकार को सप्राण छोड़कर,
अट्टहास करता,
दूर खड़ा हो मुस्कुराता है
जाने किस जन्म का हिसाब चुकाने में
उसे मज़ा आता है।

कल तक जो अर्थों को, अनर्थों को भी
रौंदते रहे, वे अचानक
मुमुर्षुवत् असहाय हो जाते हैं,
काल की प्रवंचना को
टुकुर-टुकुर देखते रह जाते हैं।
कुछ अति प्रबुद्ध स्नेही परिजन
व्याधि के कारणों का
गणित बिठाते हैं
आचरण, खान-पान, आहार-व्यसन
की जन्मकुण्डली बनाते हैं।
मुझे लगता है,
वे नाहक बुद्धि का व्यायाम करते हैं,
होता वही है जो नियति के कारक तत्व
तय करते हैं।

--आनन्द. /10-12-2018
सतना-प्रवास

6 टिप्‍पणियां:

आनन्द वर्धन ओझा ने कहा…

चित्र जुलाई 18 का है। तब मैं बीमार था। पाठक भ्रम में न पड़ें, अब मैं स्वस्थ हूँ।
--आनन्द.

दिलबागसिंह विर्क ने कहा…

आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 20.12.2018 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3191 में दिया जाएगा

धन्यवाद

Pawan Kumar ने कहा…

बहुत अच्छा लिखा है आपने

Haider Jamal Abbasi (iAMHJA) ने कहा…

Hja Guru
Funny Urdu Joke

AjayKM ने कहा…

good post
children sports
techten

Status Crush ने कहा…

Thaks Sir. Very Helpful Article.